मेरे प्यारे बिहारी साथियों,
हमारा बिहार, गंगा की गोद में बसा, बुद्ध और महावीर की धरती, आज हमसे एक बड़ा सवाल पूछ रहा है: हम अपने बिहार को कहाँ ले जाना चाहते हैं? हर बार चुनाव आता है, और हमारा वोट सिर्फ़ एक निशान नहीं, बल्कि हमारे बच्चों का भविष्य, हमारे गाँवों की सड़कें, और हमारे बिहार की शान है। इस बार, 2025 के विधानसभा चुनाव में, हमारे पास एक नया मौका है जन सुराज पार्टी जो बिहार के विकास, शिक्षा, रोज़गार और गौरव के नाम पर वोट माँग रही है।
आइए, पहले देखें कि पुरानी पार्टियों RJD, JD(U), और BJP ने बिहार के लिए क्या किया, और कैसे उन्होंने हमें निराश किया। फिर जानें कि जन सुराज क्यों है हमारी नई उम्मीद।
पुरानी पार्टियों का हिसाब: बिहार को क्या मिला?
1. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) – 1990 से 2005

लालू प्रसाद यादव की RJD ने कुछ अच्छे काम किए, लेकिन भ्रष्टाचार और जंगल राज ने बिहार को पीछे धकेल दिया।
- क्या किया?
- पिछड़े वर्गों और दलितों को सामाजिक सम्मान दिलाया।
- “चरवाहा विद्यालय” शुरू किए, जिससे गरीब बच्चों को शिक्षा मिली।
- मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को मजबूत किया।
- क्या गलत हुआ?
- चारा घोटाला: ₹950 करोड़ का गबन, लालू पर आरोप सिद्ध।
- जंगल राज: अपराध और गुंडागर्दी चरम पर थी।
- सड़कें, बिजली, स्कूल बदहाल रहे; बिहार की प्रति व्यक्ति आय 2004 में मात्र ₹6,000 थी (राष्ट्रीय औसत ₹25,000)।
- पलायन बढ़ा; नौजवान बिहार छोड़कर गए।
2. JD(U)-BJP गठबंधन (NDA) – 2005 से 2025 (अलग-अलग समय)

नीतीश कुमार और BJP ने कानून-व्यवस्था में सुधार किया, लेकिन बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार आज भी बिहार की जड़ों को कमज़ोर कर रहे हैं।
- क्या किया?
- सड़कों का निर्माण: 2005-2020 में 50,000 किमी ग्रामीण सड़कें बनीं।
- महिलाओं के लिए योजनाएँ: पंचायतों में 50% आरक्षण, साइकिल योजना, शराबबंदी।
- बिहार की जीडीपी वृद्धि 2005-2015 में 10% रही, राष्ट्रीय औसत से बेहतर।
- क्या गलत हुआ?
- बेरोज़गारी: 2020-21 में बिहार की बेरोज़गारी दर 7% (राष्ट्रीय औसत 5.8%)।
- भ्रष्टाचार: सृजन घोटाला (₹1,000 करोड़), शिक्षा विभाग में गड़बड़ियाँ।
- शराबबंदी फेल: अवैध शराब तस्करी बढ़ी।
- शिक्षा-स्वास्थ्य कमज़ोर: 70% सरकारी स्कूलों में शौचालय, पानी जैसी सुविधाएँ नहीं।
3. कांग्रेस और महागठबंधन

कांग्रेस ने RJD के साथ मिलकर कुछ कोशिशें कीं, लेकिन प्रभाव सीमित रहा।
- क्या किया?
- 2020 में “रोक दो पलायन, दे दो रोज़गार” यात्रा शुरू की।
- सामाजिक कल्याण योजनाएँ शुरू कीं।
- क्या गलत हुआ?
- 2020 में केवल 19 सीटें जीतीं; प्रभाव कमज़ोर।
- नेतृत्व की कमी और आंतरिक मतभेद।
- ठोस विकास योजनाओं का अभाव।
भ्रष्टाचार ने बिहार को लूटा
पिछले 30 सालों में RJD और JD(U)-BJP ने बिहार को भ्रष्टाचार का शिकार बनाया।
- चारा घोटाला: RJD के शासन में ₹950 करोड़ की लूट।
- सृजन घोटाला: JD(U)-BJP सरकार में ₹1,000 करोड़ का गबन।
- बैंकों की लूट: बिहार के बैंकों में ₹4.61 लाख करोड़ जमा, लेकिन केवल ₹1.6 लाख करोड़ बिहारियों को ऋण मिला; बाकी पैसा अन्य राज्यों में गया।
- शिक्षा और स्वास्थ्य में बजट का दुरुपयोग; स्कूलों में शिक्षक और अस्पतालों में दवाइयाँ नहीं।
जन सुराज: बिहार की नई उम्मीद
2025 में जन सुराज पार्टी, जिसे प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2024 को शुरू किया, बिहार के लिए एक नया विकल्प है। यह पार्टी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और विकास, शिक्षा, रोज़गार का वादा करती है।

जन सुराज क्यों है खास?
- विकास का खाका: 15 साल का विज़न डॉक्यूमेंट, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार पर जोर।
- पलायन रोकें: बिहार में कारखाने और उद्योग लाकर नौजवानों को रोज़गार।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: शराबबंदी खत्म कर ₹20,000 करोड़ बचाएँगे, जो स्कूलों और अस्पतालों में लगेगा।
- पारदर्शी शासन: भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और डिजिटल गवर्नेंस।
- सबके लिए न्याय: जात-पात से ऊपर उठकर सभी समुदायों के लिए काम।
हालिया प्रदर्शन
2024 के उपचुनाव में जन सुराज ने चार सीटों पर 10% वोट हासिल किए।
- इमामगंज: जितेंद्र पासवान को 37,103 वोट मिले, तीसरे स्थान पर।
- बेलागंज: मोहम्मद अमजद को 17,285 वोट, RJD को नुकसान।
- भले ही जीत न मिली, लेकिन एक महीने पुरानी पार्टी का 10% वोट लेना दिखाता है कि बिहार बदलाव चाहता है।
जन सुराज का नेतृत्व
- प्रशांत किशोर: 3,500 किमी की पदयात्रा कर बिहारियों की समस्याएँ सुनीं।
- मनोज भारती: IIT स्नातक, पूर्व राजनयिक, दलित समुदाय से।
- उदय सिंह: पूर्व सांसद, पार्टी के पहल राष्ट्रीय अध्यक्ष।
इस बार जन सुराज को क्यों चुनें?
- पुरानी पार्टियों से आज़ादी: RJD और JD(U)-BJP ने भ्रष्टाचार और जातिवाद से बिहार को बाँधा।
- युवा और विकास: जन सुराज नौजवानों और बिहार के भविष्य के लिए लड़ रही है।
- नया नेतृत्व: प्रशांत किशोर का विज़न बिहार को गुजरात जैसा समृद्ध बना सकता है।
- सामाजिक एकता: सभी वर्गों पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, सामान्य के लिए समान अवसर।
बिहार की पुकार, आपका वोट
जब आप 2025 में वोट देने जाएँ, तो अपने गाँव की टूटी सड़कों, स्कूलों में खाली बेंचों, और नौजवानों की मजबूरी को याद करें। पूछें:
- क्या यह नेता बिहार को भ्रष्टाचार से मुक्त करेगा?
- क्या मेरे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी?
- क्या मेरे गाँव में रोज़गार आएगा?
जन सुराज पार्टी आपका वह विकल्प है, जो बिहार को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है। यह पुरानी जातिगत राजनीति को तोड़कर विकास का रास्ता दिखा रही है। आपका वोट बिहार की तकदीर बदलेगा।
2025 में जन सुराज को वोट दें। बिहार को चमकाएँ!
जय बिहार! जय हिंद!
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FAQs about जन सुराज पार्टी
1. जन सुराज पार्टी क्या है?
जन सुराज पार्टी प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2024 को शुरू की। यह बिहार के विकास, शिक्षा, और रोज़गार के लिए काम करती है और 2025 में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
2. जन सुराज को वोट क्यों देना चाहिए?
जन सुराज भ्रष्टाचार मुक्त शासन, शिक्षा, रोज़गार, और सामाजिक एकता का वादा करती है। यह पुरानी पार्टियों के जंगल राज और भ्रष्टाचार से अलग है।
3. क्या जन सुराज 2024 के उपचुनाव में जीती?
नहीं, जन सुराज 2024 के उपचुनाव में चार सीटों पर जीत नहीं पाई, लेकिन 10% वोट हासिल किए, जो एक नई पार्टी के लिए बड़ी बात है।
4. RJD और JD(U)-BJP ने बिहार के लिए क्या किया?
RJD ने सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया, लेकिन चारा घोटाले और जंगल राज के लिए बदनाम है। JD(U)-BJP ने सड़कें बनाईं, लेकिन बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार आज भी समस्या है।
5. जन सुराज का विज़न क्या है?
जन सुराज का 15 साल का विज़न है: बिहार में रोज़गार, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, और भ्रष्टाचार मुक्त शासन।